जी0एस0टी0 क्रियान्वयन हेतु उठाए गए कदम तथा कार्य योजना
1. माडल जी0एस0टी0 लॉ:-
- केन्द्र एवं राज्य के कराधान अधिकारियों के संयुक्त प्रयास से निर्मित माडल जी0एस0टी0 लॉ जी0एस0टी0 काउन्सिल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है तथा केन्द्रीय कानून संसद द्वारा पारित किया जा चुके हैं। राज्यों की विधायिकाओं द्वारा अलग से राज्य माल एवं सेवा कर अधिनियम पारित किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में राज्य वस्तु एवं सेवा कर संबंधी विधेयक पर विचार करने हेतु 15 मई 2017 से राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित किया गया है। प्रस्तावित राज्य वस्तु एवं सेवा कर विधेयक में 21 अध्याय, 174 धाराएं व 3 अनुसूचियाँ हैं। प्रस्तावित विधि में कराधान बिन्दु, करयोग्य व्यक्ति, आपूर्ति का समय, आपूर्ति का मूल्यांकन तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट सम्बन्धी प्राविधान दिए गए हैं। यह विधि प्रशासनिक तथा प्रक्रियात्मक पहलुओं के साथ साथ पंजीयन, रिटर्न दाखिला, कर निर्धारण, कर भुगतान, लेखाओं के रखरखाव, रकम वापसी, लेखापरीक्षा, मॉंग एवं आर्थिक दण्ड, अभियोजन, अपील एवं पुर्नविचार, एडवान्स रूलिंग तथा सधिकाल हेतु प्राविधान आदि भी स्वयं में समेटे हुए है।
- जी0एस0टी0 व्यवस्था के अन्तर्गत करयोग्य व्यक्ति द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर कर का भुगतान किया जाएगा। थ्रेशहोल्ड लिमिट से अधिक टर्नओवर होने यथा 20 लाख से अधिक टर्नओवर होने पर करदेयता होगी। वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति के सभी प्रान्तीय संव्यवहारों पर CGST तथा SGST देय होगा जबकि अन्र्तप्रान्तीय आपूर्ति पर IGST देय होगा। जिन संव्यवहारों में आपूर्तिकता तथा प्राप्तकर्ता का स्थान एक ही राज्य में होगा वे प्रान्तीय संव्यवहार होगे जबकि इनके भिन्न-2 राज्य में स्थित होने पर ये अन्र्तप्रान्तीय (IGST) के संव्यवहार होगें। इनपर लगने वाले कर की दर सम्बन्धित कानूनों में अनुसूची में उल्लिखित कर दर होगी।