101वां संविधान संशोधन विधेयक
- मानवीय प्रयोग हेतु शराब को छोड़कर जी0एस0टी0 सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर आरोपित किया जाएगा।
- यह कर संघ एवं राज्यों द्वारा दोहरे जी0एस0टी0 के रूप में अलग-अलग आरोपित किया जाएगा।
- केन्द्र द्वारा आरोपित किये जाने वाले (CGST) के संबंध में कानून बनाने का अधिकार संसद को होगा एवं इसी प्रकार राज्यों द्वारा आरोपित किए जाने वाला कर (SGST) के संबंध में कानून बनाने का अधिकार संबंधित राज्यों की विधायिका को होगा।
- वस्तुओं/सेवाओ की अन्र्तप्रान्तीय आपूर्ति की स्थिति में (IGST) लागू होगी तथा इसकें संबंध में कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को होगा।
- अन्तरराज्यिक व्यापार के संबंध में जी0एस0टी0 आरोपित एवं संग्रहीत करने का अधिकार भारत सरकार को होगा तथा यह कर जी0एस0टी0 कांउसिल की संस्तुति के आधार पर केन्द्र एवं राज्यों के बीच संसद द्वारा बनाए गए कानून के आधार पर हस्तान्तरित किया जाएगा।
- पेट्रोलियम एवं उसके उत्पाद जी0एस0टी0 की परिधि में हैं किन्तु यह निर्णय लिया गया है कि क्रियान्वयन के प्रांरभिक वर्षों में इन्हें जी0एस0टी0 से बाहर रखा जाएगा।