जी0एस0टी0 एवं केन्द्र एवं राज्यों के वित्तीय सम्बन्ध
- वर्तमान में संविधान द्वारा केन्द्र तथा राज्यों की वित्तीय शक्तियों को परिभाषित किया गया है तथा इसमें एक-दूसरे के क्षेत्रों में कोई हस्तक्षेप नहीं है।
- भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में केन्द्रीय सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची की व्यवस्था की गयी है तथा उपरोक्त के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य के मध्य शक्तियों का बटवांरा किया गया है।
- केन्द्र को मानवीय प्रयोग हेतु शराब, ओपियम एवं नारकोटिक्स आदि को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओ के निर्माण पर करारोपण का अधिकार है। जबकि राज्यों को वस्तुओं की बिक्री पर करारोपण का अधिकार है।
- केन्दीय बिक्री की स्थिति में केन्द्र को करारोपण का अधिकार है, लेकिन यह कर राज्यों द्वारा एकत्र किया जाता है तथा राज्यों द्वारा स्वयं रख लिया जाता है। सेवाओ के मामले में केवल केन्द्र सरकार को ही सेवाकर लगाने का अधिकार है।
- जी0एस0टी0 लागू किए जाने पर केन्द्र एवं राज्य दोनों को कर लगाने एवं एकत्र करने का अधिकार दिए जाने हेतु संविधान संशोधन अपेक्षित था तथा केन्द्र एवं राज्यों को एक समान क्षेत्राधिकार दिए जाने के लिए एक विशिष्ट संरचना स्थापित किया जाना आवश्यक था, जिसमें जी0एस0टी0 के स्वरूप एवं क्रियान्वयन के संबंध में केन्द्र एवं राज्य दोनों द्वारा संयुक्त रूप से निर्णय लिया जा सके तथा इसे प्रभावी बनाने के लिए इस संरचना को संविधान द्वारा शक्ति प्रदत्त होना भी अपेक्षित थी।
- उपयुक्त सभी का समाधान किए जाने हेतु संसद द्वारा 101वाँ संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया है। इस के मुख्य बिन्दु निम्नवत है-