मॉडल जी0एस0टी0 लॉ के अन्य प्रावधान
- इस विधि के अन्य अनेक प्रावधान करदाताओं हेतु सुविधाजनक तथा व्यापारिक संवर्द्धन हेतु उपयोगी है।
- वस्तुओं का मूल्यांकन उनके संव्यवहार मूल्य पर किया जाएगा यथा इनवायस में वर्णित मूल्य पर। यह प्रक्रिया वर्तमान में सेन्ट्रल एक्साईज एवं कस्टम विधियों में प्रभावी है।
- सभी माहों हेतु कर का भुगतान अगले माह किया जाएगा। मार्च के कर का भुगतान भी अप्रैल में किया जाएगा न कि मार्च में, जैसा कि अभी प्रचलित है।समाधान व्यापारियों द्वारा त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने के कारण उनके द्वारा त्रैमास के ठीक बाद वाले महीने में कर जमा किया जाएगा।
- करदाताओं को पूर्व में जारी इनवायस के विरुद्ध अनुपूरक इनवायस अथवा संशोधित इनवायस जारी करने का अधिकार होगा।
- करदाताओं को अपनी खरीद-बिक्री तथा रिटर्न का विवरण टैक्स रिटर्न प्रिपेयरर के द्वारा दाखिल कराने की सुविधा होगी।
- यदि व्यापारी स्वयं की करदेयता अथवा कर दर निश्चित नहीं कर पाता है तो उसे अस्थायी कर निर्धारण की सुविधा होगी।
- व्यापारी को कर भुगतान हेतु NEFT/RTGS डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पेमेन्ट की नई सुविधा दी गई है।
- कमिश्नर को कर भुगतान हेतु समय बढ़ाने अथवा किस्तें निर्धारित करने का अधिकार होगा।
- जाॅब वर्क की सुविधा जी0एस0टी0 में भी उपलब्ध होगी।
- ई-कामर्स कम्पनियों द्वारा अपने ऑनलाईन प्लेटफार्म से की जा रही आपूर्ति पर सरकार द्वारा निर्धारित दर पर स्रोत पर ही कर कटौती कर ली जाएगी परिणामतः प्रवेश कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- निर्यात पर करदेयता शून्य होगी परन्तु पूर्व खरीदों पर आई0टी0सी0 अनुमन्य होगी।